Thursday, January 9, 2020

मेले के लोगों में भी सुंदरता है (Hindi poem)



कहने को मेले में आए हुए लोग हज़ार हैं 
पर एक एक व्यक्ति के गुण भी हज़ार हैं 

कोई किसी की नियत सुधार रहा है 
कोई किसी की ग़लती भुला रहा है 

आम सा दिखने वाला व्यक्ति आम नहीं है 
हर एक प्राणी में एक से एक विशेष बात है 

एक नयी नवेली दुल्हनसंक्षिप्त घर बसा रही है 
एक नवजात शिशु , भोलेपन से दर्द घटा रहा है 

आज कोई पहली बार झूला ले रहा है 
उसके लिए यह बहुत ही बड़ी बात है 

सज के सँवर के , कोई ख़ुश होकर आया है 
ये महज़ एक मेला नहीं , आशाओं का साया है 

जितना गहरा जितना विशाल , उतना ही निकट 
ग़रीब का बच्चा जो भी देखे , उसी से संतुष्ट 

दुनिया तैयार बैठी है , प्यार बाँटने के लिए 
जाके उनसे मिलिए , और फिर अपनाइए 

क्यूँकि , जैसा लगता नहीं वैसा होता है 
छोटी-छोटी चीजों में भी भगवान होता है 


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